मनुस्मृति (Manusmirti)
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~यजुर्वेद {३२/१०}
~शतपथ ब्राह्मण {१४/१/२/१८}
~यजुर्वेद {३१/१}
~कठोपनिषद {२/१८-१९}
~कठोपनिषद {२/२०}
~ यजुर्वेद {३१/१९}
~श्रीमद्भगवद्गीता {४/६}
~श्रीमद्भगवद्गीता {४/७}
~श्रीमद्भगवद्गीता {४/७}
~श्रीमद्भगवद्गीता {७/२४}
~श्रीमद्भगवद्गीता {७/२५}
~श्रीमद्भगवद्गीता {९/११}
~श्रीमद्भगवद्गीता {१०/२}
~श्रीमद्भगवद्गीता {२/२३,२४}
~यजुर्वेद {१७/३१}
~यजुर्वेद {३१/३}
~ऋग्वेद {१०/१२९/१}
~ऋग्वेद {१०/१२९/२}
~यजुर्वेद {१७/१७}
~ ऋग्वेद {६/१६/३०}
~श्रीमद्भगवद्गीता {९/१७}
~श्रीमद्भगवद्गीता {९/२०}
~ यजुर्वेद {१३/४}
~ मनुस्मृति {१/९}
~ मुंडकोपनिषद {१/१/१-२}
~ {यजुः अ० ३१/ मं० २}
~ तैनिरीयोपनि० भृगुवल्ली {३/१}
~ कठोपनिषद {२/२/१२}
~ मनुस्मृति {१०/४५}
कुछ लोग स्वयं को इसलिए भी आर्य कहते है क्योंकि पूर्व काल में इस देश का एक नाम आर्यवर्त हुआ करता था... Read More →